यह मानसिक बीमारी मनुष्य की lifestyle को खराब करती है। कई लोग घर या ऑफिस का काम करते वक्त चीजों को बार-बार चेक किआ करते हैं। उनके मन व दिमाग में यही विचार हर वक्त आया रहता है। इससे कारण उनका काम पर भी असर होता है। OCD की बीमारी से मनुष्य का सामाजिक और निजी life दोनों पर बुरी तरह प्रभाव डालती हैं। यदि इस Problam के साथ Patient को stress भी है तो यह एक गंभीर समस्या मानी जा सकती हैं। ऐसे में मनुष्य के मन में sucide के ख्याल भी आ जाते हैं। इसलिए आज हम आपको ओसीडी का घरेलू इलाज के बारे में जानकारी देंगे की आप इससे घर पर ही कैसे अपने आप को व किसी दुसरो की help कर सकते है।
OCD के लक्षण
- चीजों की अत्यधिक जांच करना, जैसे ताले तथा स्विच को बार-बार जाँचना।
- कुछ गलत कार्य करने का ख्याल मन में आना।
- यौन रूप से एक दम स्पष्ट होना,उसके बारे में सोचना।
- कुछ आवाज़, शब्दों या संख्याओं को लगातार सोचना या गिनती के समय मानसनिक काम का दवाब होना।
- कपड़ों पर बार-बार हाथ फेरना व बटन और जिप की जांच करना।
- बार-बार दांतों को साफ़ करना या हाथ धोना, और शरीर की smell को छिपाने के लिए चीज़ों का अधिक से अधिक उपयोग करना।
- बार-बार एक ही बात कहना या सवाल पूछना।
- अत्यधिक पूजापाठ या धार्मिक स्थानों में भाग लेना- जो डर से उत्पन्न होते हैं।
ओसीडी (OCD) के तीन मुख्य भाग माने जाते हैं
- विचार जो आपको हमेशा चिन्तित करते हैं। उन्हें हम (आब्सेशन) कहते है
- जो आप महसूस (चिन्ता/घबराहट)
- वो काम जो आप अपनी चिन्ता को कम करने के लिए करते हैं
OCD के क्या कारण हैं?
मस्तिष्क का लेन-देन - हमे अक्सर नहीं मालूम होता की अगर हमें थोड़े से ज्यादा समय तक ओसीडी बना रहता है तो विशेज्ञों का कहना है की, हमारे मस्तिष्क में Serotonin (5-HT) असन्तुलन हो जाता है।Life का बदलना - अचानक से जिम्मेदारियों आना जैसे नौकरी,बच्चे को जन्म देना या यौवनारम्भ का शुरू होना।
Stress - एक चौथाई लोगों में यह life की stressful घटनाओं में एक हो सकता है।
जीन्स- कभी-कभी ओसीडी आनुवांशिक होता है इसलिए पीढ़ी दर पीढ़ी चल सकता है।
Personality - अगर आप ऊँचे नैतिक सिद्धान्तों वाले और बहुत ध्यानपूर्वक से या व्यवस्थित तरीके से काम करने वाले मनुष्य हैं तो आपको ओसीडी होने के ज्यादा chance है | वैसे ये गुण बहुत मददगार होते हैं मगर कुछ ज्यादा बढ़ जाने पर ओसीडी का रूप सकते हैं।
ओसीडी का घरेलू इलाज
- घबराहट को कम करने के लिए शराब का प्रयोग बिलकुल न करें।
- यदि आप के विचार आप के धर्म या विश्वास सम्बन्धी चिन्ताएं हैं तो आप किसी धार्मिक स्थान पर जाने कि कोशिश करिए।
- अपने डर से बिलकुल न बचे बल्कि उसका सामना करे।
- अपना ध्यान दोबारा से शुरू करें।
- परेशान करने वाले नकारात्मक विचारों का खुद सामना करिए।
- यह बहुत अजीब लगता है लेकिन इन पर काबू पाने का यह भी तरीका है कि आप विचारो एक जगह नोट करिये और उन्हें दोहराइए की में कब-कब, क्या-क्या करता हुँ । आप Daily लगातार करिए जब तक कि आपकी घबराहट में कोई फर्क न दिखे।
- आब्सेशनल विचारों का विरोध न करे कम्पल्सिव आदतों का विरोध करिए ।
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