पूजा करते समय गलत विचार आना - पाप या पुन्य ?

कई बार देखा जाता है कि, पूजा करते समय मन मे गलत विचार आना एक स्वाभाविक भाव है, अक्सर मनुष्य अपनी भक्ति करते करते कही ओर गुम हो जाता है अथार्त वह कहीं न कहीं खो सा जाता है जिसके कारण मनुष्य को भक्ति करने मे थोड़ी मुश्किल होती है ऐसा होते ही आपका ध्यान एक दम से भटकने लगता है अगर आपके साथ ऐसा होता है तो ज्यादा Panic होने की आवश्यकता नहीं है अक्सर देखा गया है कि, ऐसा मनुष्य के साथ कभी कभी हो जाता है, और कभी कभी तो ये विचार हमें पुरे दिन आते रहते है, तो आखिर ऐसा किसके कारण हो रहा है तो आइए इसे और Detail से जानने की कोशिश करते है।

पूजा करते समय गलत विचार आना

 

देखे जैसा की हमें बताया जाता है कि, मनुष्य के दो मन होते है, शुद्ध और अशुद्ध। अशुद्ध मन का व्यक्ति के अंदर एक कामनायें उत्पन्न होने लगती है और अगर उन कामनायें पे काबू किया जाता है तो उस व्यक्ति को शुद्ध मन का व्यक्ति कहा जाता है

वही अगर पूजा करते समय अगर अच्छे विचार नहीं आ रहे तो निराश न हो , बल्कि उनका सामना करे



1. पूजा करते समय मन मे गलत विचार आने का कारण


जब कभी भी हम अपने ईश्वर की पूजा या आराधना करते है तो हम दो कारणों से अपने ईश्वर की पूजा करते है-

हमें पुराणिक संस्कारो से ईश्वर की वंदना करना एक दिनचर्या मान लिया है। या हम जब किसी समस्या मे घिरे होते है तो तब हम आपने ईश्वर को याद कर लेते है पूजा करते समय अक्सर देखा गया है की उन मनुष्य को ज्यादा परेशान करता है जिन्होंने अभी अभी पूजा शुरु करी है या फिर वे किसी परेशानी मे होते है इसी वजह से जब हम पूजा करते है तो हमारा मन कही और भटकने लगता है क्यूंकि हम अभी उसके आदि नहीं है। जब हम पूजा करते है तो हमारा मन बहुत विचलित होता है और यहाँ-वहाँ भटकता है क्यूंकि हमरा मन बहुत चंचल है जब बड़े बड़े संत अपना मन काबू नहीं कर पाते लेकिन वह फिर भी मन को काबू मे लगे रहते है


2. पूजा करते समय मन मे गलत विचार आए तो क्या करना चाहिए ?


अगर दिन रात एक ही विचार आपके मन और दिमाग मंडराता रहता है तो सबसे पहले आप अपने आप को समझाइये की विचार कोई सच नहीं होते, एक आम आदमी के मन में दिन भर में हज़ारो बुरे या अच्छे विचार आते हैं पर क्या उन विचारों में सच्चाई दिखती है ? नहीं, ज्यादातर विचार हमारे काल्पनिक होते हैं!


लेकिन हम जल्दी ही मान लेते हैं की वह बात सही है या गलत जैसे आप अपने आप को ही मान रहे होंगे की में अच्छा हुँ या बुरा, इसलिएअब आपको यह मानना है की जो कुछ भी मुझे महसूस होता या विचार आते है सच है भी या नहीं!


उदाहरण लेके इसे हल करू तो आपके मन में कुछ गलत विचार आ रहे हैं. और आपने उनका कहा मनकार उनसे रिश्ता तोड़ दिया है तो ऐसी कंडीशन में डरना नहीं हैं और कुछ भी मुझे विचार आते हैं वो बिल्कुल सच नहीं है!


क्योंकि इन विचारो से सिर्फ आप ही निकल सकते सिर्फ आपकी समझ ही यहाँ काम आने वाली है इस जीवन में विचार, व्यक्ति और वस्तु ये तीनों ही रहेंगे लेकिन मात्र आपकी समझ ही आपको समझा सकती है की क्या सच है और क्या हमारे विचार बस हमें इतना ही समझना है! की हमरे लाइफ में क्या हो रहा है और क्या चल रहा है बस उन्हें ही काबू करना है बाकि सब आपने आप खुद ठीक होता चला जाता है।



FAQ

Ques 1 - पूजा पाठ करने वाले दुखी क्यों होते हैं?

Ans :- क्योंकि ज्यादातर मनुष्य, संसार के सारे दुखो को भागाने अथवा उसमे मजबूती के लिए पूजा पाठ करते हैँ। ऐसा तभी हो सकता है जब मनुष्य अपनी पूर्ण आत्मसमर्पण कर दे अपने ईश्वर के प्रति। लेकिन भगवान तो भक्त के सदैव उपकारक है, इसलिए ये दुख आते हैँ।

Ques 2 - भगवान हमें दुःख क्यों देते हैं?

Ans :- क्योंकि हम भगवन को न मानाने इच्छा रख लेते हैं साथ ही हम अपने घमंड में रहते हैं उनका मानना होता है कि उनसे बड़ा इस दुनिया में कोई भी नहीं है और इस वजह से वह हमेशा दुखी रहते हैं।



निष्कर्ष (Conclusion )

दोस्तों आज हमने जाना की पूजा करते समय गलत विचार आना एक आम सी बात है और हमने आपको उसके कारण व इनपे कैसे काम किया जाये ये सब सीखने की कोशिश की है मुझे आशा है की आपको ये सब जानकारी आपके जीवन में एक अच्छी मार्गदर्शक बन सकती है। अगर हमरी दी गयी जानकारी से आप सहमत है तो कृपया इसे वहां Share करे जहा इस Article की लोगो को आवश्यकता है

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